Friday, April 9, 2010

Create A Hidden User Account...

This tweak allows an account that is normally displayed on the Welcome screen to be hidden from view. To log on using the account it's necessary to use the Log On To Windows dialog box similar to the one in Windows 2000
» [Start] [Run] [Regedit]
» Registry Key: HKEY_LOCAL_MACHINE\SOFTWARE\Microsoft\WindowsNT\CurrentVersion\ Winlogon\SpecialAccounts\UserList
» Modify/Create the Value Data Type(s) and Value Name(s) as detailed below.
» Data Type: REG_DWORD [Dword Value] // Value Name: Type Name of Account to be Hidden
» Setting for Value Data: [0 = Account is Hidden / 1 = Enabled]
» Exit Registry and Reboot

View Administrator At Welcome Screen.........

By default windows XP doesn't show the Administrator in the user list at the welcome screen.
Here's a way to get around it.
Go to run in windows menu type regedit and then navigate to
HKEY_LOCAL_MACHINE\Software\Microsoft\ WindowsNT\CurrentVersion\Winlogon\SpecialAccounts\Userlist
create a new DWORD entry and name it as Administrator and change its value to 1.
exit and reboot for the changes to take effect.
To change it back change its value to 0 or simply delete the ke

Thursday, April 8, 2010

About Taj Mahal

बी.बी.सी. कहता है...........
ताजमहल...........
एक छुपा हुआ सत्य..........
कभी मत कहो कि.........
यह एक मकबरा है..........






ताजमहल का आकाशीय दृश्य......




cid:part1.00050203.06090602@oracle.com

आतंरिक पानी का कुंवा............

cid:part2.06030804.06010503@oracle.com
ताजमहल और गुम्बद के सामने का दृश्य
cid:part3.09080704.08060501@oracle.com
गुम्बद और शिखर के पास का दृश्य.....

cid:part4.00030907.06080709@oracle.com
शिखर के ठीक पा
cid:part5.03000607.02030403@oracle.comस का दृश्य.........
आँगन में शिखर के छायाचित्र कि बनावट.....

cid:part6.05060808.06040700@oracle.com
प्रवेश द्वार पर बने लाल कमल........
cid:part7.04050901.06080907@oracle.com
ताज के पिछले हिस्से का दृश्य और बाइस कमरों का समूह........
cid:part8.08080100.03070300@oracle.com
पीछे की खिड़कियाँ और बंद दरवाजों का दृश्य........
cid:part9.01040608.06050105@oracle.com
विशेषतः वैदिक शैली मे निर्मित गलियारा.....
cid:part10.09070103.01050702@oracle.com
मकबरे के पास संगीतालय........एक विरोधाभास.........

cid:part11.09090907.02060108@oracle.com
ऊपरी तल पर स्थित एक बंद कमरा.........


cid:part12.06040805.05030906@oracle.com
निचले तल पर स्थित संगमरमरी कमरों का समूह.........

cid:part13.07080501.08010005@oracle.com
दीवारों पर बने हुए फूल......जिनमे छुपा हुआ है ओम् ( ॐ ) ....

cid:part14.06040703.01080607@oracle.com
निचले तल पर जाने के लिए सीढियां........

cid:part15.06000608.05080409@oracle.com
कमरों के मध्य
300फीट लंबा गलियारा..cid:part16.05080508.04010801@oracle.com
निचले तल के२२गुप्त कमरों मे सेएककमरा...
cid:part17.07030700.04030709@oracle.com
२२ गुप्त कमरों में से एक कमरे का आतंरिक दृश्य.......


cid:part18.09000803.06080003@oracle.com


अन्य बंद कमरों में से एक आतंरिक दृश्य..
cid:part19.05050106.09010306@oracle.com




एक बंद कमरे की वैदिक शैली में




निर्मित छत......




cid:part20.09030504.02030904@oracle.com




ईंटों से बंद किया गया विशाल रोशनदान .....




cid:part21.09040606.07000907@oracle.com




दरवाजों मेंलगी गुप्त दीवार
,जिससे अन्य कमरों का सम्पर्क था.....




cid:part22.03030105.09010503@oracle.com




बहुत से साक्ष्यों को छुपाने के लिए
,गुप्त ईंटों से बंद किया गया दरवाजा......




cid:part23.03050306.09070004@oracle.com




बुरहानपुर मध्य प्रदेश मे स्थित महल जहाँ मुमताज-उल-ज़मानी कि मृत्यु हुई थी.......




cid:part24.00070208.06030602@oracle.com




बादशाह नामा के अनुसार
,, इस स्थान पर मुमताज को दफनाया गया.........cid:part25.05090007.00040404@oracle.com





अब कृपया
इसे पढ़ें .........

प्रो.पी. एन. ओक. को छोड़ कर किसी ने कभी भी इस कथन को चुनौती नही दी कि........


"
ताजमहल शाहजहाँ ने बनवाया था"

प्रो.ओक. अपनी पुस्तक
"TAJ MAHAL - THE TRUE STORY" द्वारा इस
बात में विश्वास रखते हैं कि
,--

सारा विश्व इस धोखे में है कि खूबसूरत इमारत ताजमहल को मुग़ल बादशाह शाहजहाँ ने बनवायाथा.....



ओक कहते हैं कि......


ताजमहल प्रारम्भ से ही बेगम मुमताज का मकबरा न होकर
,एक हिंदू प्राचीन शिव मन्दिर है जिसे तब तेजो महालय कहा जाता था.


अपने अनुसंधान के दौरान ओक ने खोजा कि इस शिव मन्दिर को शाहजहाँ ने जयपुर के महाराज जयसिंह से अवैध तरीके से छीन लिया था और इस पर अपना कब्ज़ा कर लिया था
,,

=>
शाहजहाँ के दरबारी लेखक"मुल्ला अब्दुल हमीद लाहौरी"ने अपने"बादशाहनामा"में मुग़ल शासक बादशाह का सम्पूर्ण वृतांत 1000 से ज़्यादा पृष्ठों मे लिखा है,,जिसके खंड एक के पृष्ठ 402 और 403 परइस बात का उल्लेख है कि, शाहजहाँ की बेगम मुमताज-उल-ज़मानी जिसे मृत्यु के बाद, बुरहानपुर मध्य प्रदेश में अस्थाई तौर पर दफना दिया गया थाऔरइसके ०६ माह बाद,तारीख़ 15 ज़मदी-उल- अउवल दिन शुक्रवार,को अकबराबाद आगरा लाया गयाफ़िर उसे महाराजा जयसिंह से लिए गए,आगरा में स्थित एक असाधारण रूप से सुंदर और शानदार भवन (इमारते आलीशान) मे पुनः दफनाया गया,लाहौरी के अनुसार राजा जयसिंह अपने पुरखों कि इस आली मंजिल से बेहद प्यार करते थे ,पर बादशाह के दबाव मे वह इसे देने के लिए तैयार हो गए थे.

इस बात कि पुष्टि के लिए यहाँ ये बताना अत्यन्त आवश्यक है कि जयपुर के पूर्व महाराज के गुप्त संग्रह में
वे दोनो आदेश अभी तक रक्खे हुए हैंजो शाहजहाँ द्वारा ताज भवन समर्पित करने के लिए राजा
जयसिंह को दिए गए थे.......


=>
यह सभी जानते हैं कि मुस्लिम शासकों के समय प्रायः मृत दरबारियों और राजघरानों के लोगों को दफनाने के लिए, छीनकर कब्जे में लिए गए मंदिरों और भवनों का प्रयोग किया जाता था ,
उदाहरनार्थ हुमायूँ
, अकबर, एतमाउददौला और सफदर जंग ऐसे ही भवनों मे दफनाये गए हैं ....

=>
प्रो. ओक कि खोज ताजमहल के नाम से प्रारम्भ होती है---------

="
महल" शब्द, अफगानिस्तान से लेकर अल्जीरिया तक किसी भी मुस्लिम देश में
भवनों के लिए प्रयोग नही किया जाता...
यहाँ यह व्याख्या करना कि महल शब्द मुमताज महल से लिया गया है......वह कम से कम दो प्रकार से तर्कहीन है---------


पहला -----
शाहजहाँ कि पत्नी का नाम मुमताज महल कभी नही था,,,बल्कि उसका नाम मुमताज-उल-ज़मानी था ...

और दूसरा-----
किसी भवन का नामकरण किसी महिला के नाम के आधार पर रखने के लिए केवल अन्तिम आधे भाग (ताज)का ही प्रयोग किया जाए और प्रथम अर्ध भाग (मुम) को छोड़ दिया जाए,,,यह समझ से परे है...

प्रो.ओक दावा करते हैं कि
,ताजमहल नाम तेजो महालय (भगवान शिव का महल) का बिगड़ा हुआ संस्करण है, साथ ही साथ ओक कहते हैं कि----
मुमताज और शाहजहाँ कि प्रेम कहानी
,चापलूस इतिहासकारों की भयंकर भूल और लापरवाह पुरातत्वविदों की सफ़ाई से स्वयं गढ़ी गई कोरी अफवाह मात्र है क्योंकि शाहजहाँ के समय का कम से कम एक शासकीय अभिलेख इस प्रेम कहानी की पुष्टि नही करता है.....



इसके अतिरिक्त बहुत से प्रमाण ओक के कथन का प्रत्यक्षतः समर्थन कर रहे हैं......
तेजो महालय (ताजमहल) मुग़ल बादशाह के युग से पहले बना था और यह भगवान् शिव को समर्पित था तथा आगरा के राजपूतों द्वारा पूजा जाता था-----


==>
न्यूयार्क के पुरातत्वविद प्रो. मर्विन मिलर ने ताज के यमुना की तरफ़ के दरवाजे की लकड़ी की कार्बन डेटिंग के आधार पर 1985 में यह सिद्ध किया कियह दरवाजा सन् 1359 के आसपास अर्थात् शाहजहाँ के काल से लगभग 300 वर्ष पुराना है...


==>
मुमताज कि मृत्यु जिस वर्ष (1631) में हुई थी उसी वर्ष के अंग्रेज भ्रमण कर्ता पीटर मुंडी का लेख भी इसका समर्थन करता है कि ताजमहल मुग़ल बादशाह के पहले का एक अति महत्वपूर्ण भवन था......


==>
यूरोपियन यात्री जॉन अल्बर्ट मैनडेल्स्लो ने सन् 1638 (मुमताज कि मृत्यु के 07 साल बाद) में आगरा भ्रमण किया और इस शहर के सम्पूर्ण जीवन वृत्तांत का वर्णन किया,,परन्तु उसने ताज के बनने का कोई भी सन्दर्भ नही प्रस्तुत किया,जबकि भ्रांतियों मे यह कहा जाता है कि ताज का निर्माण कार्य 1631 से 1651 तक जोर शोर से चल रहा था......


==>
फ्रांसीसी यात्री फविक्स बर्निअर एम.डी. जो औरंगजेब द्वारा गद्दीनशीन होने के समय भारत आया था और लगभग दस साल यहाँ रहा,के लिखित विवरण से पता चलता है कि,औरंगजेब के शासन के समय यह झूठ फैलाया जाना शुरू किया गया कि ताजमहल शाहजहाँ ने बनवाया था.......


प्रो. ओक. बहुत सी आकृतियों और शिल्प सम्बन्धी असंगताओं को इंगित करते हैं जो इस विश्वास का समर्थन करते हैं कि
,ताजमहल विशाल मकबरा न होकर विशेषतः हिंदू शिव मन्दिर है.......

आज भी ताजमहल के बहुत से कमरे शाहजहाँ के काल से बंद पड़े हैं
,जो आम जनता की पहुँच से परे हैं

प्रो. ओक.
, जोर देकर कहते हैं कि हिंदू मंदिरों में ही पूजा एवं धार्मिक संस्कारों के लिए भगवान् शिव की मूर्ति,त्रिशूल,कलश और ॐ आदि वस्तुएं प्रयोग की जाती हैं.......

==>
ताज महल के सम्बन्ध में यह आम किवदंत्ती प्रचलित है कि ताजमहल के अन्दर मुमताज की कब्र पर सदैव बूँद बूँद कर पानी टपकता रहता है,, यदि यह सत्य है तो पूरे विश्व मे किसी किभी कब्र पर बूँद बूँद कर पानी नही टपकाया जाता,जबकि प्रत्येक हिंदू शिव मन्दिर में ही शिवलिंग पर बूँद बूँद कर पानी टपकाने की व्यवस्था की जाती है,फ़िर ताजमहल (मकबरे) में बूँद बूँद कर पानी टपकाने का क्या मतलब....????



राजनीतिक भर्त्सना के डर से इंदिरा सरकार ने ओक की सभी पुस्तकें स्टोर्स से वापस ले लीं थीं और इन पुस्तकों के प्रथम संस्करण को छापने वाले संपादकों को भयंकर परिणाम भुगत लेने की धमकियां भी दी गईं थीं....



प्रो. पी. एन. ओक के अनुसंधान को ग़लत या सिद्ध करने का केवल एक ही रास्ता है कि वर्तमान केन्द्र सरकार बंद कमरों को संयुक्त राष्ट्र के पर्यवेक्षण में खुलवाए
, और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों को छानबीन करने दे ....


ज़रा सोचिये....!!!!!!



कि यदि ओक का अनुसंधान पूर्णतयः सत्य है तो किसी देशी राजा के बनवाए गए संगमरमरी आकर्षण वाले खूबसूरत
,शानदार एवं विश्व के महान आश्चर्यों में से एक भवन, "तेजो महालय" को बनवाने का श्रेय बाहर से आए मुग़ल बादशाह शाहजहाँ को क्यों......?????
तथा......


इससे जुड़ी तमाम यादों का सम्बन्ध मुमताज-उल-ज़मानी से क्यों........
???????


आंसू टपक रहे हैं
, हवेली के बाम से,,,,,,,,
रूहें लिपट के रोटी हैं हर खासों आम से.....
अपनों ने बुना था हमें
,कुदरत के काम से,,,,

फ़िर भी यहाँ जिंदा हैं हम गैरों के नाम से......







"
कृपया इस संदेश को सभी को भेजें

Thursday, April 1, 2010

Now, women to guard Indian borders

While, women are considered equal to men, in a country like India still the feminine gender has yet to conquer some of the male dominated bastions. However, this is finally going to get changed by the end of this month and it would surely bring in more opportunities for females. Recently, the Border Security Force(BFS)has taken a major decision and initiative to allow its first women battalion to perform the combat duties that includes the guarding the borders between India and Pakistan. About 1000 personnel from the first female battalion of BSF will be inducted for combat duties. It's a great move for women in India as it further diminishes discrimination between the two genders and attempts to show equality in the area of defence which has always been dominated by men. This latest decision will surely have major impact in coming years on lives of young women who dream of serving the country's borders and fight against the enemies of state but were never given such opportunities before or were not even considered eligible. This is an unprecedented move in the history of India and strong message to the male dominated society. On the other side, it opens up a wide window of opportunities in terms of jobs and employment for women in the combat forces. It's a new avenues that surely the women would love to conquer and become pride of India.